पटना। बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार का चेहरा सबसे ऊपर है। 69 साल के नीतीश कुमार का राजनीति से जुड़ाव को लगभग चार दशक से अधिक का समय गुजर चुका है। लेकिन इस लंबे राजनीतिक सफर में पहली बार ऐसा हुआ है कि नीतीश को चुनाव में चुनौती युवाओं से मिल रही है। उन्हें चुनौती देनेवाले सभी चेहरे युवा राजनीति का प्रतिनिधित्व करते हैं। फिर चाहे बात तेजस्वी की हो या चिराग की।
बिहार के चुनाव में कई पार्टियां और गठबंधन मैदान में हैं, लेकिन नीतीश की असली लड़ाई तेजस्वी और चिराग से ही है। तेजस्वी महागठबंधन का चेहरा हैं, वहीं चिराग को लोजपा ने मुख्यमंत्री के रुप में अपना नेता चुना है। इन दोनों की कुल राजनीतिक अनुभव को मिलाने पर भी नीतीश उन पर भारी पड़ते नजर आएंगे। लेकिन इस चुनावी समर में जिस तरह से दोनों ने नीतीश के लिए परेशानी खड़ी की है, वह बताता है बिहार की राजनीति के लिए दोनों नेता अब पूरी तरह से तैयार हैं। आनेवाले समय में दोनों ही बिहार की कमान संभालने के सबसे बड़े दावेदार होंगे।
पुष्पम प्रिया चौधरी भी युवा चेहरा
बिहार की राजनीति में एक नाम पुष्पम प्रिया चौधरी का है। पहली बार राजनीति के मैदान में उतरी पुष्पम प्रिया चौधरी ने बेहद कम समय में अपनी पहचान बना ली है। राजनीति में भले ही वह ज्यादा कामयाब होती नजर नहीं आ रही हों, लेकिन चुनाव में कुछ असर जरूर डाल सकती हैं।