विकाश महेश
गुजरात के बनासकांठा जिले के परपडा गांव में पढ़ाई का अनोखा तरीका सामने आया है। गाँव में इंटरनेट कि सुविधा न होने के कारण बच्चों कि पढ़ाई में बाधा आ रहीं थी । जिसे दूर करने के लिए वहाँ के शिक्षकों ने एक नया और अनोखा तरीका ढूंढ निकाला है। गाँव में लाउडस्पीकर कि मदद से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। बच्चों को सुबह 8 से 11 बजे तक लाउडस्पीकर से पढ़ाया जाता है। इस अनोखे तरीके से गांव के 80% बच्चों को लाभ पहुँचा है। शिक्षकों के इस नए प्रयोग से गांव के लोग काफी खुश है।
घर-घर जाकर बच्चों को किया जागरूक
गांव में लगे लाउडस्पीकर और CCTV कि मदद से पढ़ाने के लिए शिक्षकों ने घर-घर जाकर बच्चों को इस बारे में जागरूक किया। इस नए तरीके से बच्चों को पढ़ाने में आसानी हो गई है। इस नए तरीके से गांव के बच्चों के साथ गाँव के बाहर खेतों में काम करने वालों बच्चों का भी फायदा हो रहा है।
मंदिर के लाउडस्पीकर का किया प्रयोग
बच्चों को पढ़ाने के लिए कोई अलग से लाउडस्पीकर खरीदा नहीं गया बल्कि गाँव के मंदिर में लगे लाउडस्पीकर का प्रयोग किया जा रहा है। लाउडस्पीकर की आवाज सुनकर बच्चें बरगद के पेड़ के नीचे पढ़ाई करते है। लाउडस्पीकर कि आवाज हर गली कि हर घर तक पहुँचती है। शिक्षक लाउडस्पीकर पर बच्चों को होमवर्क देते है और बच्चें उसी को पूरा करते है।
कोरोना के कारण बच्चें नहीं जा पा रहे थे स्कूल
कोरोना के कारण सरकार के द्वारा पुरे देश लॉकडाउन लगाया गया था, जिसके कारण स्कूल बंद थे। सरकार ने अभी भी कक्षा से 9 से 12 तक के बच्चों के लिए ही स्कूल खोलने कि अनुमति दी है। प्राइमरी के बच्चें अभी भी घर पर ही है। अभिभावक भी बच्चों को स्कूल भेजने से डर रहे है। ऐसे में गुजरात के शिक्षकों का इस तरह पहल बच्चों के लिए काफी लाभदायक है।