नई दिल्ली। पहले ‘‘पेड न्यूज और फेक न्यूज हुआ करता था तथा अब टीआरपी पत्रकारिता है। यह खतरनाक है। टीआरपी के अनावश्यक दबाव को मीडिया द्वारा अवश्य रोका जाना चाहिए। यह कहना है केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का। उन्होंने कहा कि लोकप्रियता को मापने के लिये एक प्रक्रिया हो, लेकिन उकसाने वाली खबर दिखाना पत्रकारिता नहीं है। इस पर रोक लगाने की आवश्यकता है।
पत्रकारिता में निश्चित ही सुधार की जरूरत है। यह सुधार मीडिया जगत स्वयं लाये, यही बेहतर है। हमारी सरकार मीडिया की स्वतंत्रता में विश्वास करती है परन्तु मीडिया का भी यह कर्तव्य है कि अपनी स्वतंत्रता का उपयोग संयम से करे। इसके लिए TRP के अनावश्यक दबाव से बाहर निकलने की आवश्यकता है। pic.twitter.com/LzKzYBYK7K
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) October 7, 2020
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को कहा कि सरकार ‘‘प्रेस की स्वतंत्रता’’में विश्वास रखती है, लेकिन न्यूज चैनलों द्वारा ‘टीआरपी’ के लिये ‘‘उकसाने वाली खबर’’ दिखाना अवश्य बंद होना चाहिए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विचारों का समर्थन करने वाली साप्ताहिक पत्रिका ‘पाञ्चजन्य’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि ‘पेड न्यूज’ और ‘फेक न्यूज’ के बाद, यह दौर ‘टीआरपी पत्रकारिता’ का है। इसके चक्कर में बड़े-बड़े भले संस्थान आ गए हैं. पहले टैम प्राइवेट संस्था थी, जो TRP निकालती थी। फिर बार्क सेल्फ रेगुलेशन के लिए आई, लेकिन अब उसके संस्थापक ही उसका विरोध कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि पिछले दो महीने का हाल देखिए कि ये कहां से कहां तक आ गई है। TRP का अनावश्यक बोझ बदलना होगा। जावड़ेकर ने कहा कि पत्रकारिता को खुद ही अपने मापदंड तय करने होंगे